9.11.12

राष्ट्रपति का चुनाव



अमेरिका ने सबको जता दिया है ,
राजनीति में वह सबसे आगे है।
काले -गोरे का रंगभेद पुरानी बात है ,
प्रमाण है - एकबार फिर से
काले को सिरमौर बनाया है।
बराक ओबामा ने साबित किया
"काले हैं तो क्या हुआ हम दिलवाले है।"

भारत उस से दूर ........
 बहुत दूर , जात-पात ,धर्म ,कुरीतियों के
फंदों  में फंसकर फडफडा रहा है।

चुनाव जितने के बाद राष्ट्रनेता
राष्ट्र की उन्नति की बात करता है,
राष्ट्र की भाषा (आशा ) बोलता है।
भारत में नेता अपनी जाति  की
अपने समुदाय की उन्नति की बात करता है।


बराक ओबामा ने भाषण में कहा -
"पूरा अमेरिका एक परिवार है ,
अमेरिका को प्रगति के रास्ते ले जाना है,
इसकी आर्थिक प्रगति के रफ़्तार तेज करना है,
नए रोजगार के अवसर तलाश करना है,     
आपको (जनता को )  किया वायदा पूरा करना है,
चुनौतियाँ कठिन हैं ,रास्ता लम्बा है ,
पर आपके सहयोग से ,ये  कार्य पूरा करेंगे ,
यह जीत आपका है, आप धन्यवाद ,बधाई के पात्र है।"

भारत में नेता कुछ ऐसा ही बोलते हैं,
पर वे भारत को एक परिवार नहीं
वरन परिवारों का राष्ट्र समझते है .
वे राष्ट्र के नाम से अपनी जाति,
अपने परिवार की उन्नति चाहते है,
और दूसरी जाति, दुसरे परिवारों का शोषण करते है,
वे अपने को राष्ट्र से ऊपर समझते है।
राष्ट्र भाषा नहीं , राष्ट्र कु-भाषा बोलते है ,
संसद में ,संसदीय भाषा नहीं 
असंसदीय भाषा में बात करते है।
राष्ट्र नेता  राष्ट्रीय आर्थिंक प्रगति  नहीं
अपने परिवार की आर्थिक प्रगति करता है .
घपलों में नए रोजगार तलासते है ,
कोयला से बहुतो ने मुहँ काला कर लिया ,
टेलीफोन के तार से फांसी लगा लिया  ,
पर ये नेता मरते नहीं , रक्तबीज के वंशज है
एक मरते है तो दश पैदा हो जाते है।


कालीपद "पसाद "



















1 comment:

  1. बेहतरीन अभिव्‍यक्ति
    दीप पर्व की अनंत शुभकामनाएं

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